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स्वयं में निहित होना

22.5.2015

प्रश्न: सर, ‘स्वयं में निहित होना’ क्या है? उस तक कैसे पहुंचा जाए?


उत्तर: ‘आपके भीतर निहित होना 'अपने ही घर में रहने जैसा है। आप खुद को खाली नहीं कर सकते। दूसरों में निहित होना किराए के घर में रहने जैसा है। आप खुद को खाली कर सकते हैं। अपने भीतर जड़ जमा लेने का अर्थ है स्वयं में बसना या स्थापित होना।


आप जो भी अनुभव करते हैं, वह दो श्रेणियों में आता है। दर्द और खुशी। शांति इन दोनों से परे है। दूसरे शब्दों में, शांति दर्द और खुशी की एक संतुलित स्थिति है। जागरूकता के माध्यम से शांति प्राप्त की जा सकती है।


आमतौर पर आप दर्द या खुशी में खो जाते हैं। इसके बजाय, यदि आप दर्द और खुशी को देखते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि एक स्थिति पर आप दर्द और खुशी में नहीं खोए हैं और आप उनसे अलग हैं।


जब आप इसे पहचान लेते हैं, तो यह निश्चित है कि आप स्वयं में जड़ जमाने लगे हैं। इसे जाने न दें। इसे जोर से पकड़ें और गहराई तक जाएं। आपको एहसास होगा कि आप दर्द और खुशी में नहीं, बल्कि जागरूकता में हैं।


आपको पता चल जाएगा कि सब कुछ चल रहा है और आप किसी भी चीज से नहीं चिपके हुए हैं, आप सिर्फ साक्षी हैं। साक्षी स्थिति में आपका मन पूरी तरह से मौन है। क्योंकि जागरूकता ही शांति है। जब आपको यह महसूस हो, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने स्रोत तक पहुँच चुके हैं।


सुप्रभात .... शांतिपूर्ण रहें...💐


वेंकटेश - बैंगलोर

(9342209728)


यशस्वी भव

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