2.7.2015
प्रश्न: महोदय, क्या शरीरहीन आत्मा में मन काम करता है??
उत्तर: बॉडी हार्डवेयर (hardware) की तरह है। मन सॉफ्टवेयर (software) की तरह है। सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर के बिना काम नहीं कर सकता। बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर बेकार है।
मानव मन तीन चरणों में संचालित होता है।
1. चेतन मन (Conscious mind)
2. अवचेतन मन (Subconscious mind)
3. अतिचेतन मन (Super conscious mind)
इन तीनों में से अतिचेतन मन, आत्मा है जो कर्म का अभिलेख रखता है।
मृत्यु की स्थिति में, चेतन मन और अवचेतन मन कार्य करना बंद कर देता है। आत्मा कर्म का अभिलेख के साथ शरीर से बाहर जाती है। कर्म का अभिलेख बीज के समान हैं। बीजों को पेड़ों में बदलने के लिए मिट्टी की जरूरत होती है। इसी तरह, कर्म का अभिलेखो के उद्भव के लिए, शरीर की आवश्यकता होती है।
ज्यादातर लोग, अवचेतन मन और अतिचेतन मन से अनजान हैं। मन के ये दो चरण उनमें अचेतन मन के रूप में कार्य करते हैं। जब वे शरीर छोड़ते हैं, तो उनकी आत्माएं अनजाने में तैरती हैं जैसे कि नींद की अवस्था में। उनकी आत्माएं अनजाने में दूसरों के शरीर में समा जाती हैं।
यदि आप शरीर में रहते हुए अतिचेतन मन की स्थिति में पहुँच गए हैं, तो शरीर छोड़ने के बाद भी आपकी आत्मा जागृत होगी। यह जानबूझकर अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए सही शरीर का चयन करता है। यदि आप कुछ भी हासिल करना चाहते हैं, साधारण कामुक आनंद से लेकर आत्मज्ञान तक, आपको एक शरीर की आवश्यकता है। शरीर के बिना आप कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। इसलिए शरीर इतना कीमती है।
सुप्रभात ... अपने कीमती शरीर की रक्षा और पोषण करें.. 💐
वेंकटेश - बैंगलोर
(9342209728)
यशस्वी भव
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