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जीवात्मा vs परमात्मा

Writer's picture: Venkatesan RVenkatesan R

15.5.2015

प्रश्न: जीवात्मा और परमात्मा की व्याख्या कीजिए।


उत्तर: जागरूकता आत्मा है। जब यह शरीर, मन और कर्म प्रलेखन से खुद की पहचान करता है, तो इसे जीवात्मा या अपूर्ण जागरूकता कहा जाता है। जब जागरूकता, बिना किसी चीज के खुद की पहचान किये बिना, सब कुछ निष्पादित हो जाता है, तो परमात्मा या सम्पूर्ण जागरूकता कहा जाता है।


जब जागरूकता कम होती है, तो पहचान अधिक होता है। जब जागरूकता अधिक होती है, तो पहचान कम हो जाती है। पहचान होने तक, जीवात्मा और परमात्मा की अवधारणा बनी रहेगी। जब कोई पहचान नहीं होता है, तो केवल शुद्ध जागरूकता होती है। कुछ लोग इसे आत्मा कहते हैं। कुछ लोग इसे अनात्मा (आत्मा नहीं) कहते हैं। इसे आत्मा या अनात्मा कहने की कोई आवश्यकता नहीं है। बस जागरूक रहिए।


शुभ रात्रि .. बस जागरूक रहिए ..💐


वेंकटेश - बैंगलोर

(9342209728)


यशस्वी भव

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