23.5.2015
प्रश्न: सर, जागरूकता क्या है?
उत्तर: जागरूकता ज्ञान का सार है, स्वयं का सार है। आप जो भी करते हैं, वह जागरूकता के विभिन्न स्तरों का एक कार्य है। जब यह भौतिक शरीर के माध्यम से कार्य करता है, तो इसे चेतना कहा जाता है। जब यह विश्लेषण, निर्णय, निर्णय लेने, व्याख्या, विकल्प और कार्रवाई के रूप में कार्य करता है, तो इसे तर्क कहा जाता है।
जब यह परिवेश के साथ प्रतिक्रिया करता है तो इसे भावना कहा जाता है। जब यह आसपास के वातावरण के साथ प्रतिवचन / प्रतिक्रिया करता है, तो इसे चेतना कहा जाता है। जब इसे प्रतिवचन या प्रतिक्रिया के बिना मनाया जाता है, तो इसे साक्षी कहा जाता है। जब साक्षी खड़ा होता है, तो यह शुद्ध जागरूकता बन जाता है। शुद्ध जागरूकता संपूर्ण जागरूकता है।
जागरूकता सीमा से सीमा नहीं होने तक फैली हुई है।। जब जागरूकता सीमित और असीमित होती है, तब भी इसकी गुणवत्ता समान रहती है। जागरूकता आग की तरह है। आग की दर चाहे छोटी हो या बड़ी, उसकी गुणवत्ता समान होती है। इसलिए जागरूकता का स्तर बढ़ाया जाना चाहिए। ध्यान आपको जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है। मानव जन्म का उद्देश्य शुद्ध जागरूकता प्राप्त करना है।
सुप्रभात .... जागरूक रहें ...💐
वेंकटेश - बैंगलोर
(9342209728)
यशस्वी भव
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