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एकाग्रता

29.6.2015

प्रश्न: महोदय, मैं जो कर रहा हूं उस पर ज्यादा ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा हूं लेकिन हमेशा अन्य चीजों के बारे में सोच रहा हूं। इससे कैसे निपटें?


उत्तर: वह मन की बाहरी स्थिति की प्रकृति है। एक चीज पर ध्यान केंद्रित न कर पाने के दो कारण हैं।


1. बोरियत

2. चिंता


जब आप पहली बार कुछ करते हैं, तो आपका सचेत मन शामिल होता है। आप इसे होशपूर्वक करते हैं। जब आप एक ही चीज को बार-बार करते हैं, तो यह आपकी आदत बन जाती है। आपका अवचेतन मन अब ऐसा करने की जिम्मेदारी लेता है।


अवचेतन मन को जिम्मेदारी दें कर, आपका चेतन मन भटक रहा है। तो आप जल्दी ही बोर हो जाते हैं। इसे दूर करने के लिए एक ही काम को अलग तरीके से करें। इसे अलग तरह से तैयार करें, भले ही यह एक ही भोजन हो।


अवचेतन मन नई चीजों के बारे में कुछ नहीं जानता है। इसलिए यह नई गतिविधियों में शामिल नहीं है। चेतन मन को तब सम्मिलित होना चाहिए। जब चेतन मन सम्मिलित होता है, तो एकाग्रता होती है। अलग तरह से सोचें और अलग तरीके से काम करें। तब आपको पता चल जाएगा कि आप क्या कर रहे हैं।


आदत से आपका मन फिर से भटकने लगेगा। थोड़ी देर के बाद आपको एहसास होता है कि आप चेतना खो चुके हैं। आप जो कर रहे हैं उस पर अपना ध्यान वापस लाएं। फिर से आप जागरूकता खो देंगे। कोई बात नहीं। अपना ध्यान फिर से अपनी कार्रवाई पर वापस लाएं।


प्रारंभ में यादाश्त दिन में तीन या पांच बार होती है। कभी-कभी आपको याद भी नहीं होता। जब आप याद करते हैं, तो चेतना खोने के लिए दोषी महसूस न करें। दोबारा याद आने पर गर्व महसूस करें। दिन-प्रतिदिन यादाश्त बढ़ाएं।


यांत्रिक मन के लिए कुछ भी मत छोड़ो। जागरूकता के साथ सब कुछ करने की कोशिश करें। यदि आप हर रोज कोशिश करते हैं, तो आप इसमें अधिक रुचि लेंगे। आप जितने जागरूक होंगे, आपका दिमाग उतना ही गहरा होता जाएगा। आपके मन के गहरे स्तर पर, कोई भटकन नहीं है। स्थिरता होगी।


सुप्रभात ... सब कुछ जागरूकता के साथ करें ...💐


वेंकटेश - बैंगलोर

(9342209728)


यशस्वी भव

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