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आनंद के आंसू

Writer's picture: Venkatesan RVenkatesan R

23.7.2015

प्रश्न: सर, कभी-कभी, जब हम बहुत खुश होते हैं, तो आँसू (खुशी के आँसू) आते हैं। ऐसा क्यों? इससे कैसे बचा जाए?


उत्तर: जब आप अधिक दर्द महसूस करते हैं, तो आँसू आते हैं। क्यों? क्योंकि दर्द असहनीय होता है। आप इसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते। तो, अतिरिक्त दर्द को छोड़ने के लिए, आँसू आते हैं। इसी तरह, जितना अधिक आप खुश महसूस करेंगे, उतने ही अधिक आँसू आएंगे।


जब आपकी खुशी को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, तो आप इसे आँसू के माध्यम से व्यक्त करते हैं। जो कुछ भी ओवरडोन है, इसको निपटाना हमारे शरीर के तंत्र है। जो असहनीय है, वह ओवरडोन है। तनाव से निपटने में हर कोई अलग होता है।


जैसे-जैसे विचार अधिक प्रगाढ़ होते जाते हैं, इसका दबाव सपनों में जारी होता जाता है। जैसे-जैसे भावनाएं बढ़ती हैं, इसका दबाव आँसू में छोड़ दिया जाता है। अत्यधिक भावुक होने से आपमें असंतुलन पैदा होगा। दर्द एक नकारात्मक भावना है। और आनंद, एक सकारात्मक भावना।


एक पक्ष सकारात्मक और दूसरा पक्ष नकारात्मक। आप सकारात्मक पक्ष या नकारात्मक पक्ष पर रहेंगे। जितना अधिक आप किनारे पर जाएंगे, उतना अधिक दबाव होगा। और असंतुलन अधिक होगा।


आप केंद्र की ओर जितना अधिक बढ़ेंगे, उतना कम दबाव होगा। जब आप बीच में होते हैं, तो दबाव संतुलन में होता है और धीरे-धीरे सकारात्मकता और नकारात्मकता तटस्थ हो जाती है।


सुप्रभात .... बीच में रहिए..💐


वेंकटेश - बैंगलोर

(9342209728)


यशस्वी भव

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